Friday, March 25, 2022

सूरजकुंड क्राफ़्ट मेला 2022 अपने कुछ बदलावों के बावजूद बहुत ही ख़ास है

कॉलेज के ज़माने से सूरजकुंड मेला मेरा फ़ेवरेट है, जब-जब भी संभव था मैं वहाँ गई। 2020 में जब कोरोना की शुरुआत हुई थी तब तक ये मेला फ़रवरी के महीने में लगा करता था, इसीलिए 2020 में लोग इस मेले का आनंद उठा पाए थे। उसके बाद से तो कोरोना ने सब कुछ बदल दिया, जिनमें दिल्ली और उसके आस-पास लगने वाले मेले भी शामिल हैं। इसीलिए इस बार सूरजकुंड क्राफ़्ट मेला एक-डेढ़ महीना देरी से शुरु हुआ है। एक तो इस बार गर्मियां कुछ जल्दी ही अवतरित हो गई हैं दूसरा मेले में एंट्री का वक़्त भी वो कर दिया गया है जब सूरज की तपिश अपने उरुज पर होती है, दोपहर 12:30 बजे। टिकट का दाम भी बढ़ गया है, पहले 80 रुपए हुआ करता था अब 120 रुपए  है लेकिन बुज़ुर्गों और विद्यार्थियों को रिबेट दी गई है। ख़ैर ! एक घंटा इंतज़ार के बाद जब एंट्री की तो लोक संगीत की धुन, और लगातार होती अनाउंसमेंट सुनकर इतनी तेज़ धूप में भी बहुत सुकून मिला। 

Surajkund Craft Mela, Entry Gate
एंट्री गेट - सूरजकुंड 

अंदर जाते ही वही पुराना माहौल, वही मिटटी की ख़ुशबू, वही संगीत कहीं तुम्बा और बीन बज रही है और कहीं ढोल की धमक, ये सब सुनकर आप नाचे न नाचें लेकिन थिरकने ज़रुर लगते हैं। रंग-बिरंगी पोशाकों से सजे लोक-कलाकार आपको फ़ोन या कैमरा से रिकॉर्डिंग करते देखकर और ज़्यादा जोश में आ जाते हैं। सच कहूं तो वहाँ मौजूद सभी लोगों को देखकर ऐसा लगा जैसे बहुत दिनों से बंद परिंदों को खुला आसमान मिल गया हो। हर चेहरे पे ख़ुशी थी लेकिन सबसे ज़्यादा ख़ुशी थी उज्बेकिस्तान से आए मेहमानों के चेहरों पर। वो लोग बस हँस रहे थे और इतने पॉज़िटिव थे कि उनके जज़्बे, उनके चेहरों को देखकर वहाँ मौजूद सभी लोगों के चेहरों पर स्माइल आ जाती थी। उनमें से किसी को हिंदी नहीं आती लेकिन शायद किसी से रुपयों के बारे में नया-नया सीखा था तो एक उज्बेक स्टाल पर जब किसी ने पुछा "How Much" तो उसने कहा - "चार हज़ार दुइ सो" और कहकर ख़ुद ही बहुत ज़ोर से हँस दिया। मेरी कुछ लोगों से बात हुई और जब मैंने उन्हें appreciate किया तो एक उज़बेक महिला बहुत ज़्यादा ख़ुश होकर बोलीं - yeeee !! We enjoy every moment of life . ऐसी जगहों पर जाकर एक फ़ायदा ज़रुर होता है कि आप दूसरे देशों की संस्कृति को जान पाते हैं, नए-नए लोगों से मुलाक़ात होती है और बहुत कुछ सीखने को मिलता है और सबसे बड़ी बात आप अपनी रुटीन लाइफ से अलग हटकर फ़्रेश फ़ील कर पाते हैं।  

Guest Country Uzbekistan, Surajkund mela 2022

सूरजकुंड का क्राफ़्ट मेला में इस बार 30 से ज़्यादा देश भाग ले रहे हैं जम्मू-कश्मीर थीम राज्य है और हर बार की तरह इस बार भी मेला बहुत ही मनमोहक है। कहीं बंगाल के प्रसिद्ध मुखौटे आपको अपनी तरफ़ खींचते हैं तो कहीं टेराकोटा से बने खिलोने, प्लांटर्स। एक स्टार्टअप स्टाल पर ऐसी डायरी देखने को मिली जो बीजों से बनी थी, जब वो डायरी भर जाए तो आप उसके पेज के टुकड़े करके मिटटी में दबा दें तो उसमें से अलग-अलग क़िस्म के फूलों के पौधे निकलेंगे। एक जगह प्लास्टिक की ऐसी डायरी थी जो चॉकलेट की शेप में थी और उससे चॉकलेट की ख़ुशबू भी आ रही थी। पुराने टायर से बने मूढ़े भी कई जगह दिखे, कपड़ों और राजस्थानी, गुजराती जूतियों की तो भरमार थी। एक जगह एक अनोखी सॉफ्टी दिखाई दी। 


सूरजकुंड में अलग-अलग स्टेट्स के क्राफ़्ट आइटम्स आपको अपनी तरफ़ खींचते तो ज़रुर हैं मगर उनकी आसमान छूती क़ीमत सुनकर उन्हें ख़रीदना सभी के लिए मुमकिन नहीं हो पाता। कोरोना के बाद हालात भी ऐसे हो गए हैं कि हर सामान की क़ीमत बढ़ गई है और लोगों के पास पैसों की कमी है। शायद इसलिए मेले में भीड़ तो बहुत थी मगर ख़रीदार कम थे। 





मेला देखने आये लोगों के मनोरंजन का पूरा ख़याल रखा गया है। मैजिक शो, लाइव कॉन्सर्ट, विदेशी कलाकारों के नृत्य-संगीत के कार्यक्रम सभी मेला देखने आए लोगों को ठिठक कर देखने सुनने पर मजबूर कर देते हैं। सेल्फ़ी स्पॉट्स जगह-जगह हैं। मेले के आख़िर में जाते हैं तो एक रंगघर बना हुआ है उससे पहले एक टूटे-फूटे पहाड़ पर एक देवी की मूर्ति निकलती दिखती है, उसे देखकर ऐसा लगता है कि जैसे वो एक चट्टान को काट कर बनाई गई होगी और शायद काफ़ी पुरानी भी होगी मगर उसके बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं हो पाई। उसके अलावा जगह-जगह पुराने मंदिर या पंडाल बने है जहाँ लोग फ़ोटो खींचते दिख जाते हैं।

सूरजकुंड में यूँ तो खाने-पीने की बहुत वेराइटी मिल जाती है राजस्थान, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर के अलावा साउथ इंडियन और फ़ास्ट फ़ूड आइटम्स भी मिलते हैं। चुस्की, नीम्बू-लेमन, चाट-पकौड़ी के स्टाल्स भी हैं मगर मुझे ऐसा लगता है कि पहले के मुक़ाबले में खाने के स्वाद में काफ़ी कमी आई है। लेकिन एक दिन के लिए ट्राय करने में कोई बुराई भी नहीं है। 

चलते-चलते आपको बता दूँ कि 19 मार्च 2022 से शुरू हुआ सूरजकुंड क्राफ़्ट मेला 4 अप्रैल 2022 तक चलेगा। टिकट आप ऑनलाइन भी ले सकते हैं और Paytm से भी। अगर वहाँ जाकर लेना चाहते हैं तो बहुत से काउंटर्स हैं आपको कोई मुश्किल नहीं होगी। हम जब बाहर एंट्री के लिए इंतज़ार कर रहे थे तो वहाँ बैठे पुलिसवालों से बातचीत में पता चला कि इस साल से ये मेला साल में दो बार लगाए जाने की तैयारी चल रही है लेकिन वो ये नहीं बता पाए कि कब-कब लगाया जाएगा। जब भी लगेगा ख़बर मिल ही जाएगी वैसे भी घूमने और ख़रीदारी के शौक़ीनों के लिए तो ये एक अच्छी ख़बर ही है। बस दुआ कीजिए कि कोरोना की चौथी लहर न आए और ज़िंदगी फिर से कमरों में बंद रहने को मजबूर न करे ! सूरजकुंड क्राफ़्ट मेला 2022 

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